वानी

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ब्लैक बैंगल्स चैप्टर 24

ब्लेक बेंगल्स चेप्टर 24

                ज्योति हुई बेहोश, और खेल खतम

अब तक आपने पढ़ा ज्योति डांस करते हो कुछ इशारे करती है और उसी इशारे को फॉलो करते हुए अरमान विराज जसप्रीत आर्या और निर्जला अपनी अपनी पोजीशन ले लेते हैं दूसरी तरफ देवांश ने ब्लैक बैंगल्स को पकड़ने का एक नया प्लान रेडी किया था

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"अब आगे"

ज्योति जैसे ही गाना खत्म करती है अचानक हॉल में गोलियां चलने की आवाज आने लगती है..तेजा और शेख जैसे ही पीछे मुड़कर देखते हैं निर्जला और आर्या थे जो सबको शूट कर रहे थे और उन दोनों के हाथों में गन थी 

उन्हीं के साथ अरमान जसप्रीत भी थे ज्योति को वहां विराज नहीं दिखता है ....ज्योति को अचानक कुछ महसूस होता है और वह जैसे ही पीछे मुड़ कर  देखती है तो वहां और कोई नहीं विराज खड़ा था
विराज ज्योति को अपना जैकेट पहनाते हुए कहता है
"अब सब ठीक है परेशान होने की कोई बात नही है"

तेजा गुस्से में दांत पीसते हुए कहता है...."तुम लोगों की इतनी हिम्मत कि तुम यहां तक चले आए.....अच्छा है खुद मौत के दरवाज़े तक आ गए हो...तुम में से कोई भी यहां से जिंदा वापस नहीं जाएगा"
 तभी अरमान सामने आते हुए कहता है ..."बात तो तू सही कह रहा है...जिंदा यहां से तुम में से कोई नहीं जाएगा"... शेख को अरमान कुछ जाना पहचाना लग रहा था ....शेख याद करते हुए कहता है
"तू फौजी है ना जिसकी टीम को तीन तिगड़ी कहते हैं"

अरमान कहता है "तेरी याददाश्त इतनी कमजोर भी नहीं है...लेकिन अफसोस पिछली बार तो तु बच गया था क्योंकि मैं अकेला था और तूने धोखे से वार किया था..लेकिन इस बार तुझे मुझसे कोई नहीं बचा सकता"
सबकी नजरें एक दूसरे पर टिकी हुई थी इसी का फायदा उठाकर मैनेजर बार काउंटर के पास बने एक लाल बटन को प्रेस कर देता है लाल बटन प्रेस करते ही अचानक से कुछ लोग पूरे हॉल को घेर लेते हैं

 इतने सारे लोगों को वहां देख कुछ पल को ज्योति घबरा जाती है फिर  एक गहरी सांस लेती है और खुद से कहती है "डु और डाई" इतना कहकर वह एक कदम पीछे ले लेती है विराज भी गन नीचे कर एक कदम पीछे ले लेता है

शेख ज्योति का हाथ पकड़ उसे अपने करीब करते हुए कहता है "इतनी बहादुर लड़की मैंने आज तक नहीं देखी..बहुत चालाक है तू" विराज जैसे ही ज्योति की तरफ बढ़ता है...तभी शेख के आदमी उसे पकड़ लेते हैं....मैनेजर आगे आते हुए कहता है ....."इन सब का क्या करना है..इन सबको ज़ादा देर जिंदा रखना खतरे से खाली नही है"

ज्योति व्यंग भरी मुस्कान के साथ केहती है... "क्या बात है घिरे हुए हम हैं, वो भी खाली हाथ तुम इतने सारे हो फिर भी इतना डर"
ज्योति शेख की आँखो मे देखते हुए केहती है.. "अपने दुश्मनो की आँखो मे ये डर मुझे बहुत अच्छा लगता है"

शेख ज्योति को घूरते हुए कहता है  "तेरी पूरी टीम मेरे आदमियों से घिरी हुई है...और मौत सिर्फ कुछ इंच के फासले पर , फिर भी आंखों में डर नहीं है"
ज्योति व्यंग भरी मुस्कान के साथ कहती है "आग सिर्फ जलाना जानती है , डराना जानती है , डरती नहीं है" शेख ज्योति को कमर से पकड़ कर अपने करीब करते हुए कहता है  "बड़ी आग है तुझ में चल देखते हैं कितनी आग है"
अरमान, विराज, आर्या, और निर्जला को तेजा के आदमियों ने पकड़ रखा था... सब छुट्ने की कोशिश कर रहे थे लेकिन जसप्रीत खामोश खडा सब देख रहा था 

 शेख ज्योति को खींचते हुए होटल में बने कमरे की तरफ जाने लगता है ...ज्योति चुपचाप उसके साथ चल रही थी थोड़ा आगे जाने के बाद ज्योति  झटके से अपना हाथ छुड़ा लेती है और अपने बालों मे से एक छोटा सा चाकू निकाल लेती है... जो उसने पिन की तरह लगा रखा था.. 

ज्योति शेख को दीवार की तरफ धक्का दे देती है और उसके सीने पर अपनी कोहनी और गले पर चाकू रखते हुए केहती है... "इतनी भी क्या जल्दी है शेख मेरे साथ सोने की, थोड़ा बात तो कर लें"

ज्योति सबको एक नज़र देखती है और शेख की आँखो मे देखते हुए केहती है "बोल अपने लोगों को शेख की मेरे दोस्तों को जाने दे, वर्ना  कल का सूरज देखना तेरे नसीब मे नही होगा"

शेख हस्ते हुए कहता है "तुझे लगता है मै तेरी बात मानूँगा" ज्योति एक शातिर मुस्कान के साथ केहती है "तुम पैसे वाले लोग हो तुम्हे हर चीज़ ओरिजिनल चाहिए होती है समझती हु मै"

इतना केहकर ज्योति चाकू को उसके गले पर दबा देती है जिससे हल्का सा खून आ जाता है... ज्योति गुस्से मे दांत पिसते हुए केहती है "ट्रेलर तो मैंने तुझे दिखा दिया अगर भरोसा ना हो तो पूरी पिक्चर भी दिखा सकती हूँ चॉइस इज़ यौरस्"

शेख थोड़ा डरते हुए कहता है.. "ठ.. ठ... ठी.. ठीक है मै बोलता हूँ मै बोलता हूँ तुम थोड़ा दूर हो" ज्योति हस्ते हुए केहती है "कमाल है ना तुम खुद मेरे करीब आना चाहते थे और अब मै आ रही हूं तो दूर भाग रहे हो.. नॉट फैर "

शेख के आदमी सबको छोड़ देते हैं तभी तेजा कहता है शूट.. उसके इतना कहते ही तेजा के आदमी शेख के आदमिओं को मार देते हैं
जसप्रीत, निर्जला, अरमान, विराज और आर्या नीचे झुक जाते हैं एक गोली ज्योति को छु कर निकल जाती है और सीधे शेख के सीने मे लगती है.... 

जैसे ही गोली बारी खतम होती है.. तेजा देखता है तो सब गायब थे तेजा गुस्से मे चिल्लाता है... "ढूंढो इन फौजियों को एक भी बचना नही चाहिए"... अरमान जो की बार काउंटर के पीछे छुपा था सबको ब्लूटूथ से कनेक्ट करता है.. लेकिन ज्योति से कनेक्ट नही कर पा रहा था

अरमान की नज़र साइड मे रूम के पास पड़ती है तो देखता है ज्योति के सर से खून आ रहा था और वो बेहोश थी.... अरमान सबसे नज़रे बचाते हुए ज्योति को उठा कर स्टोर रूम मे ले जाता है... और सबको बताता है... 

"गाइज़ ज्योति बेहोश हो चुकी है.. आगे क्या करना है"
निर्जला केहती है "वही जो करने आये थे".... जसप्रीत कुछ सोचते हुए कहता है.. " लेकिन बिना मैडम के ऑर्डर के हम... "
जसप्रीत अपनी बात आधी छोड़ देता है... 

निर्जला केहती है... "हम उनके ऑर्डर ही फॉलो करेंगे".. आर्या थोड़ा परेशान होते हुए कहता है... " लेकिन हम ज्योति को वहाँ अकेले नही छोड़ सकते हैं".. विराज कहता है "मै आता हु वहाँ मै रुक जाऊंगा"
जसप्रीत मना करते हुए कहता है... "नही आपलोग यहाँ तक आओगे खतरा है.. मै रुक जाता हूँ " जसप्रीत की बात सबको सही लगती है तो सब मान जाते हैं... 

अरमान ज्योति को स्टोर रूम मे छोड़कर वहाँ से निकल जाता है वही जसप्रीत गेट से लगकर खडा हो जाता है.. 
विराज कहता है.. "ज्यादा लोग नही हैं हम इन्हे आराम से खतम कर सकते है.. 
तभी मेन गेट से एक आवाज़ आती है.. " मेरे बिना खेल खतम कैसे हो सकता है " जब सबकी नज़र वहाँ जाती है तो वहाँ ब्लेक बेंगल्स खड़ी थी... उसे वहाँ देख तेजा की सांसे ही अटक जाती है.. 

ब्लेक बेंगल्स हस्ते हुए केहती है "अभी तो मैंने खेल शुरू भी नही किया और तुझे पसीने आने लगे" इतना केहकर ब्लेक बेंगल्स अपने साथ लाई  DSR-Precision DSR 50 Sniper Rifle से सबको शूट करने लगती है

करीब दो मिनट के बाद वहाँ खामोशी हो जाती है "ब्लेक बेंगल्स अपनी गन नीचे फेकते हुए केहती है "कसम कान्हा की दिल तो कर रहा है तुझे अपने हाथों से मारू लेकिन खैर आर्मी वालो ने बहुत मेहनत की है.. तुझे मै इनके हवाले करती हूँ"

विराज ब्लेक बेंगल्स की तरफ बढ़ते हुए कहता है "इसे तो हम मार ही देंगे लेकिन आज मै ये जान कर रहूँगा तुम हो कौन"
ब्लेक बेंगल्स विराज को अपनी गन पॉइंट पर रखते हुए केहती है 
"काला साया दिन और जिंदगी , दोनो के अंधेरे की कहानी होता है..मै वही काला साया हु,,मेरे राज़ जानने की कोशिश भी मत करना वर्ना खुद एक राज़ बनकर रह जाओगे"

आर्या को देखते हुए केहती है "सबको चेक करो और इस तेजा को तुम्हारे हवाले करती हुँ" इतना केहकर विराज को घुरते हुए केहती है "दुश्मन को मौका मिलते ही खतम ना कीया जाए तो वो हमे खतम कर देता है, मौके से चुकते नही हैं" 
इतना केहकर ब्लेक बेंगल्स वहाँ से चली जाती है.. अरमान कहता है "विराज इसे मै तुम्हारे हवाले करता हूँ" विराज तेजा को बहुत बुरी तरह से मारता है और उसके दोनो हाथ तोड़ देता है.... सबको चेक करने के बाद सब स्टोर रूम की तरफ भागते हैं जहाँ ज्योति अभी भी बेहोश पड़ी थी.. 

ज्योति को लेकर सब हॉस्पिटल पहुँचते हैं... डॉक्टर बताता है की सब ठीक है.. रात भर रुकने के बाद सुबह डॉक्टर ज्योति को डिस्चार्ज कर देता है.... ज्योति उठते ही केहती है

"तुम सब ठीक हो ना, और कोई जिंदा बचा तो नही है? विराज कहता है सब ठीक है.. 
तभी ज्योति का फोन बजता है.. जिसपर अर्जेंट लिखा था... 
ज्योति कॉल उठाती और सामने वाले की आवाज़ सुन उसकी आँखे नम हो जाती हैं.... 

कौन है अर्जेंट? ऐसा क्या कहा गया कॉल पर जिससे ज्योति की आँखे नम हो गई? 

जानने के लिए पढ़ते रहिये मेरी कहानी ब्लेक बेंगल्स  मिलते हैं अगले चेप्टर मे

................. बाय बाय...........

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3 Comments

madhura

11-Aug-2023 07:05 AM

Nice part

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Rajeev kumar jha

31-Jan-2023 01:07 PM

Nice 👍🏼

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Gunjan Kamal

29-Jan-2023 11:33 AM

बेहतरीन

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